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‘पी चिदंबरम को जेल की हवा खिलाने वाले ED तेज तर्रार अधिकारी से राजनीति की पिच तक’: कौन हैं राजेश्वर...

ऑपइंडिया
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'पी चिदंबरम को जेल की हवा खिलाने वाले ED तेज तर्रार अधिकारी से राजनीति की पिच तक': कौन हैं राजेश्वर सिंह, जिन्हें BJP ने दिया टिकट
Feb 3rd 2022, 10:05, by ऑपइंडिया स्टाफ़

राजेश्वर सिंह सरोजिनीनगर सीट से अपने नामांकन दाखिल कर दिया है

उत्तर प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनावों के मद्देनजर प्रदेश की राजधानी लखनऊ की हाई प्रोफाइल सरोजिनी नगर विधानसभा सीट से भाजपा ने पूर्व पीपीएस अधिकारी, एनकाउंटर स्पेशलिस्ट और सुपरकॉप का टैग पाने वाले राजेश्वर सिंह को टिकट दिया है। इस सीट से भाजपा की विधायक मंत्री स्वाती सिंह थीं, लेकिन उनका टिकट काट दिया गया। राजेश्वर सिंह पुलिस अधिकारी रहते हुए INX मीडिया स्कैम, 2G स्कैम और एयरसेल-मैक्सिस डील में पी चिदंबरम को भी जेल की हवा खिला चुके हैं। बहरहाल उन्होंने लखनऊ की सरोजिनी नगर सीट से अपना नामांकन दाखिल कर दिया है।

वहीं अब नामांकन के बाद राजेश्वर नए कलेवर में सामने आए हैं। स्वैच्छिक सेवानिवृति लेकर वो सियासत के मैदान में हैं। वो राजनीति में आने से पहले लखनऊ प्रवर्तन निदेशालय में संयुक्त निदेशस के पद पर तैनात थे। करीब 24 साल की सरकारी सर्विस कर चुके राजेश्वर सिंह का अभी 11 साल का कार्यकला बचा हुआ था। वह राज्य पुलिस सेवा के अधिकारी थे।

राजेश्वर सिंह का बैकग्राउंड

लखनऊ में ही जन्में राजेश्वर सिंह मूल रूप से यूपी के सुल्तानपुर के पखरौली को रहने वाले हैं। उन्होंने धनबाद IIT से इंडियन स्कूल ऑफ माइंस में बीटेक किया है। इसके अलावा उन्होंने एलएलबी, पीएचडी और मानव अधिकार में डिग्री ली है। उनके पिता स्वर्गीय रण बहादुर सिंह भी आईपीएस अधिकारी थे।

सिविल सर्वेंट से भरा है परिवार

राजेश्वर सिंह का पूरा परिवार ही सिविल सर्वेंट रहा है। उनकी पत्नी लक्ष्मी सिंह खुद भी एक आईपीएस ऑफिसर हैं और लखनऊ रेंज की आईजी हैं। भाई रामेश्वर सिंह इनकम टैक्स कमिश्नर हैं, बड़ी बहन आभा सिंह सुप्रीम कोर्ट की वकील हैं, इससे पहले वो इंडियन पोस्टल सर्विस में थीं। जबकि एक जीजा राजीव कृष्ण आगरा जोन के एडीजी हैं तो दूसरे जीजा वाईपी सिंह आईपीएस की नौकरी से वीआरएस ले चुके हैं।

कई बड़े घोटालों की जाँच कर चुके हैं राजेश्वर सिंह

पीपीएस अधिकारी रहे राजेश्वर सिंह जब लखनऊ में डिप्टी एसपी के रूप में तैनात थे उसी दौरान से उन्हें एनकाउंटर स्पेशलिस्ट के तौर पर प्रसिद्धि मिली थी। उन्होंने 13 एनकाउंटर किए थे। 2009 में वो प्रतिनियुक्ति पर प्रवर्तन निदेशालय में गए थे। उन्हें सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद स्थायी तौर पर ईडी में ही रख दिया गया था। ईडी में रहते हुए राजेश्वर सिंह ने 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन घोटाला, अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर डील, एयरसेल मैक्सिस घोटाला, आम्रपाली घोटाला, नोएडा पोंजी स्कीम घोटाला, गोमती रिवर फ्रंट समेत कई बड़े मामलों की जाँच की। इसके अलावा 4000 करोड़ से अधिक की संपत्ति जब्त की।

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