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जॉब छोड़ अपने पैशन को किया फॉलो, यूट्यूब पर हिंदी में कॉन्टेंट बना छुआ बुलंदियों का आसमान

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जॉब छोड़ अपने पैशन को किया फॉलो, यूट्यूब पर हिंदी में कॉन्टेंट बना छुआ बुलंदियों का आसमान
Feb 21st 2022, 10:24

आज अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस (International Mother Language Day) है। हर साल यह दिवस 21 फरवरी की तारीख को सेलिब्रेट किया जाता है। अपनी भाषा-संस्कृति के प्रति लोगों के मन में जागरुकता फैलाने के लिए इस दिन को मनाया जाना शुरू किया गया। आज इंटरनेशनल मदर लैग्वेज डे पर हम आपको मिलाने वाले हैं यूट्यूब की दुनिया के तीन ऐसे चेहरों से, जिन्होंने अपने पैशन को फॉलो कर कामयाबी की दास्तान लिखी। कभी जॉब करने वाले ये तीन नाम आज फुल टाइम यूट्यूबर हैं और अच्छी कमाई भी कर रहे हैं। तीनों लोगों के यूट्यूब वीडियोज में जो दो चीजें सेम हैं, उनमें से एक ये कि ये लोग अपने पैशन की वजह से यूट्यूबर बने और दूसरी हिंदी में कॉन्टेंट। आइए जानते हैं कौन हैं ये शख्सियतें...

आज इंटरनेशनल मदर लैग्वेज डे (International Mother Language Day 2022) पर हम आपको मिलाने वाले हैं यूट्यूब की दुनिया के तीन ऐसे चेहरों से, जिन्होंने अपने पैशन को फॉलो कर कामयाबी की दास्तान लिखी।


International Mother Language day: जॉब छोड़ अपने पैशन को किया फॉलो, यूट्यूब पर हिंदी में कॉन्टेंट बना छुआ बुलंदियों का आसमान

आज अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस (International Mother Language Day) है। हर साल यह दिवस 21 फरवरी की तारीख को सेलिब्रेट किया जाता है। अपनी भाषा-संस्कृति के प्रति लोगों के मन में जागरुकता फैलाने के लिए इस दिन को मनाया जाना शुरू किया गया। आज इंटरनेशनल मदर लैग्वेज डे पर हम आपको मिलाने वाले हैं यूट्यूब की दुनिया के तीन ऐसे चेहरों से, जिन्होंने अपने पैशन को फॉलो कर कामयाबी की दास्तान लिखी। कभी जॉब करने वाले ये तीन नाम आज फुल टाइम यूट्यूबर हैं और अच्छी कमाई भी कर रहे हैं। तीनों लोगों के यूट्यूब वीडियोज में जो दो चीजें सेम हैं, उनमें से एक ये कि ये लोग अपने पैशन की वजह से यूट्यूबर बने और दूसरी हिंदी में कॉन्टेंट। आइए जानते हैं कौन हैं ये शख्सियतें...



​कबिता सिंह
​कबिता सिंह

40 वर्षीया कबिता सिंह Kabita's Kitchen नाम की यूट्यूब चैनल की क्रिएटर हैं। कुकिंग वीडियोज की दुनिया में आज यह यूट्यूब चैनल अच्छा खासा नाम बना चुका है। कबिता कोलकाता में पैदा हुईं और पली बढ़ीं लेकिन उनका नेटिव प्लेस यूपी का बलिया है। इस वक्त कविता पुणे में सैटल्ड हैं। कबिता को कुकिंग का शौक बचपन से था। शादी से पहले और शादी के बाद जब तक जॉब की तो भी यह शौक नहीं छूटा। शादी के बाद जब पति के साथ लंदन गईं तो भारत की एक आम घरेलू रसोई के खाने को वह बहुत मिस करती थीं। ऐसे में कविता ने लंदन में मिलने वाली सब्जियों के साथ एक्सपेरिमेंट करके, उन्हें इंडियन स्टाइल देना शुरू किया। साथ ही उन्होंने एक आम भारतीय रसोई के परंपरागत खाने को भी एक अलग टच देने की कोशिश शुरू की। कविता की यह कोशिश चल निकली। उनका एक्सपेरिमेंट लोगों को पसंद आया।

इसके बाद जब कविता भारत लौटीं तो पति के काम पर और बच्चों के स्कूल जाने के बाद खाली वक्त उन्हें बोर करने लगा। इसी बीच कविता को यूट्यूब वीडियोज बनाने की सूझी। उन्होंने अपनी एक यूट्यूबर दोस्त से इस बारे में जानकारी हासिल की और उसकी मदद से नवंबर 2014 में अपना कुकिंग यूट्यूब चैनल Kabita's Kitchen शुरू किया। कबिता ने यूट्यूब ट्यूटोरियल्स के जरिए खुद सब कुछ सीखा और कुकिंग वीडियोज बनाने शुरू किए। कबिता की रेसिपीज लोगों को पसंद आने लगीं और धीरे-धीरे उनके सब्सक्राइबर्स की संख्या बढ़ती चली गई।

कबिता ने शादी से पहले बैंकिंग सेक्टर और शेयर मार्केट में काम किया हुआ है। शादी के बाद उन्होंने 6 महीने तक एक फर्म में जॉब की लेकिन फिर घर परिवार की जिम्मेदारियों के चलते नौकरी छोड़ दी। कबिता का यूट्यूब चैनल शुरू होने के 4 महीने बाद ही मॉनेटाइज हो गया था, यानी उन्हें अर्निंग शुरू हो गई थी। कबिता की कुकिंग रेसिपीज कितनी पसंद की जाती हैं, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उनके एक वीडियो पर लाखों व्यूज आते हैं। कबिता ने अपने यूट्यूब चैनल को हिंदी में स्टार्ट इसलिए किया क्योंकि एक तो वह खुद इस लैंग्वेज में ज्यादा कंफर्टेबल हैं और दूसरा हिंदी उन्हें ज्यादा से ज्यादा लोगों तक कनेक्ट करने में मददगार है।

यूट्यूब चैनल शुरू करने के पीछे कबिता का मकसद अपने पैशन को फॉलो करना था न कि पैसा कमाना। आज वह अपने पैशन को अपना करियर बनाकर काफी खुश हैं। कबिता का कहना है कि जब दूसरे मुल्क के लोग अपनी भाषा में वीडियो बनाते हैं या उसमें बात करना पसंद करते हैं तो हम अपनी लैंग्वेज को क्यों न चुनें। कबिता जल्द ही खुद का फूड प्रॉडक्ट लॉन्च करने की तैयारी में हैं।



​रोशनी मुखर्जी
​रोशनी मुखर्जी

'लर्न ओ ह'ब की क्रिएटर रोशनी मुखर्जी यूट्यूब की दुनिया में एक बेहद जानामाना नाम हैं। इसकी एक वजह है उनके एजुकेशनल वीडियोज और दूसरी, उन्हें भारत के राष्ट्रपति की ओर से मिला सम्मान। 2016 में रोशनी मुखर्जी 'टॉप 100 वीमेन अचीवर्स' में शामिल थीं। रोशनी का अचीवमेंट 'फ्री एजुकेशन थ्रो यूट्यूब' का रहा और 22 जनवरी 2016 को उन्हें भारत के राष्ट्रपति द्वारा सम्मानित किया गया।

37 वर्षीया रोशनी मुखर्जी 3 यूट्यूब चैनल चलाती हैं, एक 6 से 8वीं कक्षा तक के बच्चों के लिए है, दूसरा नौवीं और 10वीं कक्षा के बच्चों के लिए और तीसरा 11वीं व 12वीं कक्षा के बच्चों के लिए। रोशनी का पैतृक निवास पश्चिम बंगाल में हैं, उनका जन्म व परवरिश झारखंड के धनबाद में हुई, कॉलेज की पढ़ाई दिल्ली से की और अभी बेंगलुरू में बेस्ड हैं।

रोशनी ने अपना पहला यूट्यूब चैनल 2011 में शुरू किया था। रोशनी कहती हैं कि उस समय भारत में ऑनलाइन क्लासेज या ऑनलाइन एजुकेशनल वीडियोज का उतना चलन नहीं था। रोशनी को स्कूल टाइम से ही लगता था कि वह एक अच्छी टीचर बन सकती हैं लेकिन कॉलेज खत्म करने के बाद उन्होंने आईटी इंडस्ट्री में जॉब को चुना। उन्होंने विप्रो और एचपी जैसी दिग्गज कंपनियों में काम किया हुआ है। रोशनी भले ही जॉब कर रही थीं लेकिन टीचिंग का उनका पैशन अभी भी जिंदा था। वह यही सोचती थीं कि कैसे वह अपने पैशन को फॉलो कर सकती हैं।

फिर उन्हें यूट्यूब प्लेटफॉर्म का ख्याल आया। उन्होंने सोचा कि क्यों न वह अपने एजुकेशनल वीडियो यूट्यूब पर शेयर कर अपना पैशन फॉलो करें। इसके बाद उन्होंने 11वीं और 12वीं के बच्चों के लिए कुछ वीडियो बनाकर यूट्यूब पर डाले। इस पर उन्हें बच्चों से अच्छा रिस्पॉन्स मिला। रोशनी को कुछ ऐसी प्रतिक्रियाएं भी मिलीं, जिनमें कुछ बच्चों ने कहा कि उन्हें अपने टीचर का पढ़ाया हुआ कम समझ आता है, कुछ ने कहा कि क्लासेज प्रॉपरली नहीं होती हैं आदि। इसे देखकर रोशनी ने सोचा कि एक फ्री लर्निंग प्लेटफॉर्म क्रिएट किया जाए, जहां महंगी शिक्षा को अफोर्ड नहीं कर सकने वालों को भी क्वालिटी एजुकेशन मुहैया कराई जा सके। फिर क्या था रोशनी ने और वीडियो डालने शुरू किए, और अच्छे रिस्पॉन्स आने लगे और इस तरह लर्न ओ हब कामयाबी का आसमान छूता चला गया।

रोशनी ने साल 2011 में जब अपने यूट्यूब चैनल की शुरुआत की तो वह अंग्रेजी भाषा में वीडियो बनाने से की थी। उन्होंने अंग्रेजी में ढेर सारे वीडियो बनाए लेकिन फिर कुछ सालों बाद उन्होंने देखा कि रीजनल लैंग्वेज में कॉन्टेंट बनाने की मांग भी बच्चों की ओर से आ रही थी। कई बच्चों ने उनसे हिंदी में वीडियो बनाने की डिमांड की। इसे देखते हुए साल 2017 में रोशनी ने हिंदी भाषा में कॉन्टेंट बनाना शुरू किया। इस पर भी उन्हें काफी अच्छा रिस्पॉन्स किया।

रोशनी ने बताया कि इसी साल उनका बांग्ला में भी यूट्यूब वीडियोज लॉन्च करने का प्लान है। अगले 2 महीनों के अंदर ऐसा किया जा सकता है। रोशनी ने साल 2014 में नौकरी छोड़ दी थी और तब से फुल टाइम यूट्यूबर हैं। आज उनके लर्न ओ हब की एक पूरी टीम है, जिसमें 20-25 लोग हैं।

रोशनी का कहना है कि जब उन्होंने यूट्यूब पर शुरुआत की थी तो उस वक्त मॉनेटाइजेशन का कॉन्सेप्ट था ही नहीं। उनका चैनल लॉन्च होने के साल-डेढ़ साल बाद यूट्यूब मॉनेटाइजेशन पॉलिसी लेकर आया। रोशनी कहती हैं कि उनका फोकस ज्यादा से ज्यादा रेवेन्यु जनरेट करने पर नहीं बल्कि बच्चों को फायदा पहुंचाने वाले क्वालिटी कॉन्टेंट को जनरेट करने पर है। हालांकि आगे चलकर अफोर्डेबल कोर्सेज लॉन्च किए जो सकते हैं, जिनकी फीस काफी कम रहेगी।



​नितिन भाटिया
​नितिन भाटिया

दिल्ली के नितिन भाटिया इंजीनियिरिंग में ग्रेजुएट हैं और उन्होंने एमबीए भी किया हुआ है। 10 साल उन्होंने कॉरपोरेट वर्ल्ड में नौकरी की। नितिन का ज्यादातर काम मार्केटिंग और कॉन्टेंट मार्केटिंग से संबंधित था। इसके बाद उन्होंने खुद का कुछ क्रिएटिव कॉन्टेंट शुरू करने की सोची। इस दिशा में आगे बढ़ते हुए नितिन ने 2011 में अपना ब्लॉग शुरू किया, जो अंग्रेजी में था। इसके बाद नितिन को यह पता चला कि कई लोगों को अंग्रेजी पढ़ने में दिक्कत आ रही है, उन्हें कमेंट सेक्शन में हिंदी में कॉन्टेंट डालने की डिमांड मिलने लगीं। इसकी एक वजह यह भी थी कि उस वक्त ज्यादातर जानकारियां अंग्रेजी में ही उपलब्ध थीं और छोटे शहरों व गांव कस्बे के हिंदी पढ़ने बोलने वालों को फायदा नहीं पहुंचा पाती थीं।

इसके बाद नितिन भाटिया ने यूट्यूब वीडियो बनाने की सोची क्योंकि वह वहां पर किसी भी भाषा में वीडियो बना सकते थे और व्यूअर के लिए पढ़ा लिखा होना भी जरूरी नहीं है। वह वीडियो देख सुन कर समझ सकता था। 2016 में नितिन ने यूट्यूब चैनल की शुरुआत की, हालांकि शुरू के उनके वीडियो अंग्रेजी में ही थे। फिर धीरे-धीरे अपने यूट्यूब चैनल को पूरा हिंदी पर शिफ्ट कर दिया। उन्होंने अपने सभी ब्लॉग पोस्ट पर हिंदी में वीडियो बनाकर यूट्यूब पर उपलब्ध कराए। इस पर नितिन को व्यूअर्स से काफी अच्छा रिस्पॉन्स मिला और उनकी रीच भी ज्यादा लोगों तक बढ़ी।

नितिन भाटिया अपने यूट्यूब चैनल से स्टॉक मार्केट, रियल एस्टेट, पर्सनल फाइनेंस आदि से जुड़े अपने पर्सनल एक्वपीरियंस शेयर करते हैं। वह लोगों को कोई किताबी ज्ञान नहीं देते, बल्कि जो उन्होंने एक्वीरियंस किया, जो सीखा, वही शेयर करते हैं। कमेंट सेक्शन में उन्हें व्यूअर्स से क्या फीडबैक मिल रहा है, वह उसके आधार पर अपने नए वीडियो की तैयारी करते हैं। अपनी इसी लीक से हटकर वीडियोज की मदद से नितिन भाटिया एक जानेमाने यूट्यूबर बन चुके हैं।

नितिन ने 2014 में अपनी जॉब छोड़ दी थी और तब से एक फुल टाइम यूट्यूबर हैं। अपने पैशन को फॉलो करने के साथ-साथ नितिन आज यूट्यूब से अच्छी कमाई भी कर रहे हैं।



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