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बकरी पालन बिज़नस कैसे करें? शेड बनाने का तरीका व कमाई की जानकारी

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Business Ideas in Hindi 
बकरी पालन बिज़नस कैसे करें? शेड बनाने का तरीका व कमाई की जानकारी
Feb 23rd 2022, 12:30, by Aniket Kewat

बकरी पालन business को आप दो प्रकार से कर सकते है एक छोटे स्तर पर और दूसरा बड़े स्तर पर। 

अगर आप छोटे स्तर पर इस business को शुरू करना चाहते हैं तो आप इस business को low investment मे शुरू कर सकते हैं। 

वहीं अगर आप बड़े स्तर पर बकरी पालन business शुरू करते हैं तो आपको बड़ी लागत लगानी पड़ेगी इसके लिए आपके बटुवे मे मोटी रकम होनी चाहिए। 

बकरियों की कौन-कौन सी नस्ल होती हैं (List of goat breeds):

बहुत सारे लोग यहीं पर गलती कर देते हैं। बकरी पालन business मे आप किस हद तक सफल होगे यह इस बात पर भी निर्भर करता है कि आप किस नस्ल के बकरी का पालन कर रहे हैं। इसके लिए आपको यह जानकरी होनी चाहिए कि आखिर बकरियों की कितनी और कौन-कौन सी नस्ल होती है तथा इन नस्ल मे से कौन-सी नस्ल आपके लिए ज्यादा लाभदायक होगा।

वैसे तो बकरी की कई सारी नस्ल होती हैं लेकिन व्यापारिक तौर पर केवल 20 नस्ल ही गिने जाते हैं। इन 20 नस्लों मे से कुछ प्रमुख नस्ल की जानकारी इस प्रकार है –

1.  जमुनापारी बकरी :

उपयोग– इस नस्ल की बकरी का इस्तेमाल दूध के लिए किया जाता है। जमुनापरी बकरी अन्य नस्ल की बकरियों की अपेक्षा काफी अच्छा दूध देती हैं। 

पाया जाने वाला स्थान– यह बकरी आमतौर पर उत्तरप्रदेश मे पाई जाती हैं। 

गर्भधारण अवधि- इस नस्ल की बकरी मे 18 महीने मे ही गर्भधारण करने की क्षमता आ जाती है। 

प्रजनन क्षमता-यह बकरी साल मे एक ही बार बच्चे पैदा करती हैं तथा जुड़वा बच्चे पैदा होने की संभावना बहुत कम होती हैं। 

दूध देने की क्षमता- जमुनापुरी नस्ल के बकरी मे औसतन प्रतिदिन 2 लीटर दूध देती है। आमतौर पर यह 3-3.5 महीने तक दूध देती है। 

वजन – इस नस्ल का बकरा तैयार हो जाने पर इसका वजन 50-60 किलोग्राम हो जाता है। और बकरी का वजन 40-50 किलोग्राम होता है। 

बाजार भाव– जमुनापरी नस्ल के  बकरे की कीमत 300 रूपये/किलो ग्राम और बकरी की कीमत 400 रूपये/किलो ग्राम है। 

2. अफ्रीकन बोर:

उपयोग- इस नस्ल की बकरी का उपयोग मांस के लिए किया जाता है। इस नस्ल के बकरी की सबसे बड़ी विशेषता है कि कम समय मे ही इसका वजन बहुत अधिक हो जाता है। 

पाया जाने वाला स्थान-यह बकरी अफ्रीकन नस्ल की है जो मुख्य रूप से अफ्रीका मे पाई जाती है। इस नस्ल की बकरी को india मे भी पाला जाता है। 

प्रजनन क्षमता- अफ्रीकन बोर नस्ल की बकरी आमतौर पर जुड़वा बच्चे पैदा करती है। 

वजन- इस नस्ल की बकरी का वजन 3 महीने मे 12-18 kg होता है 6 महीने मे 18-30 kg और पूर्ण रूप से तैयार हो जाने पर इनका वजन बकरे का वजन 75-90 kg और बकरी का वजन 45-55 kg का हो जाता है।कुल मिलाकर कहे तो अन्य नस्ल के बकरियों की तुलना मे इनका वजन बहुत जल्दी बढ़ जाता है। 

बाजार भाव– इस नस्ल के बकरे की कीमत 350 रूपये/किलो ग्राम से 1,500 रूपये/किलो ग्राम तथा बकरियों की कीमत 700 रूपये/किलो ग्राम से 3,500 रूपये/किलो ग्राम तक की होती है.

3. बीटल बकरी:

उपयोग- इस नस्ल के बकरी का उपयोग भी दूध के लिए किया जाता है। जमुनापरी के बाद दूध देने के मामले मे इस नस्ल की बकरी को काफी अच्छा माना जाता है। 

पाया जाने वाला स्थान- यह बकरी सामान्यतः पंजाब और हरियाणा मे पाई जाती है। 

गर्भधारण अवधि- इस नस्ल की बकरी आमतौर पर 23-25 महीने मे गर्भधारण करती है। 

प्रजनन क्षमता- इस नस्ल की बकरी मे जुड़वा बच्चे पैदा करने की संभावना काफी ज्यादा होती है। 

दूध देने की क्षमता- ये बकरी 6 महीने तक 1.5-2.5 लीटर दूध देती है। 

वजन- परिपक्व हो जाने पर इस नस्ल के बकरे का भार 50-65 kg तक हो जाता है वहीं बकरी का भार 40-45 kg होता है।

बाजार भाव- बीटल नस्ल के बकरे की कीमत 200 रूपये/किलो ग्राम और बकरी की कीमत 250 रूपये/किलो ग्राम है। 

4. सिरोही

उपयोग- इस बकरी का उपयोग आमतौर पर दूध उत्पादन के लिए किया जाता है लेकिन यह मांस के लिए भी काम मे लाया जा सकता है। 

पाया जाने वाला स्थान-इस नस्ल की बकरी राजस्थान के सिरोही जिले मे पाई जाती है। 

गर्भधारण अवधि- इस नस्ल की बकरी 20-22 महीने मे गर्भधारण करने के योग्य हो जाती है। 

प्रजनन क्षमता- इस नस्ल की बकरी साल मे दो बार बच्चे पैदा करती हैं। ये बकरियाँ एक बार मे 1-5 बच्चे पैदा करने का सामर्थ्य रखती है। 

दूध देने की क्षमता- इस नस्ल के बकरी की दूध देने की क्षमता प्रतिदिन केवल आधा लीटर रह है। 

वजन- इस नस्ल के बकरियों का भार बकरों से अधिक होता है। जब बकरियाँ परिपक्व हो जाती हैं तो उनका भार 32kg और बकरों का भार 30 kg तक होता है। 

5. शिरोई बकरी : 

उपयोग- शिरोई नस्ल की बकरी का उपयोग दूध और मांस दोनों के लिए किया जाता है। 

पाया जाने वाला स्थान- यह बकरी राजस्थानी नस्ल की है। और ज़्यादातर राजस्थान मे पाई जाती है।  

प्रजनन क्षमता- इस नस्ल की बकरी साल मे 2 बार बच्चे पैदा करती है। इस नस्ल की बकरी मे जुड़वा बच्चे पैदा करने की संभावना ज्यादा होती है। 

 बाजार भाव- इस नस्ल के बकरे की कीमत 325 रूपये/किलो ग्राम और वहीं बकरी की कीमत 400 रूपये/किलो ग्राम होती है। 

6. ओस्मानाबादी:

उपयोग- इस नस्ल के बकरी का इस्तेमाल दूध और मांस के लिए दोनों के लिए ही किया जाता है।  

पाया जाने वाला स्थान– यह बकरी महाराष्ट्र मे पाई जाती है। 

प्रजनन क्षमता – इस नस्ल की बकरी साल मे दो बार बच्चे पैदा करती है तथा एक बार मे 2-3 बच्चो को जन्म देती है। 

बाजार भाव–  ओस्मानाबादी बकरे की कीमत 260 रूपये/किलो ग्राम और बकरी की कीमत 300 रूपये/किलो ग्राम तक होती है। 

 7. ब्लैक बंगाल

उपयोग- ब्लैक बंगाल नस्ल की बकरी का पालन प्रमुख रूप से मांस की आपूर्ति के लिए किया जाता है। 

दूध देने के मामले मे काफी अच्छी नहीं होती है। 

पाया जाने वाला स्थान- इस नस्ल की बकरी प्रमुख रूप से बंगाल मे पाई जाती है लेकिन इसका पालन भारत के पूर्वी राज्यों जैसे कि बिहार ,उड़ीसा आदि जगहों मे किया जाता है। 

प्रजनन क्षमता- इस नस्ल की बकरी साल मे दो बार प्रजनन का करने की क्षमता रखती हैं। और हर बार 2-3 बच्चों को जन्म देती हैं। 

वजन- इस नस्ल के बकरे जब परिपक्व हो जाते हैं तो इनका भार 25-30 kg हो जाता है वहीं बकरी का भार 20-25 kg होता है। 

इसके अतिरिक्त बकरियों के निम्न नस्ल होते हैं- 

  • बर्बरी 
  • सुरति 
  • झाकरण 
  • सोजत 
  • तोतापरी 
  • कोटा 
  • गुजारी 

बकरी पालन के लिए सही नस्ल का चुनाव कैसे करें 

किस नस्ल की बकरी का पालन करना चाहिए यह आपसे अच्छा कोई नहीं जान सकता है। बकरी के नस्ल का चुनाव तीन चीजों पर निर्भर करता हैं कि आप किस मकसद से इस business को करना चाहते हैं 

हो सकता है कि कोई बकरी पालन दूध बेचने के लिए करे ,कोई मांस बेचने के लिए तो कोई दोनों के लिए बकरी पालन का business कर सकता हैं। 

बकरी पालन के लिए सही नस्ल का चुनाव इन्ही बातों पर निर्भर करता हैं। 

अगर आप दूध बेचने के लिए बकरी पालन करना चाहते हैं तो फिर आपको मेहसाना, सुरती, मालाबारी, जखराना इत्यादि किस्म के बकरियों का चुनाव करे। 

और अगर आप मांस बेचने के लिए बकरी का पालन करना चाहते हैं तो बंगाल गोट, असम हिल गोट इत्यादि नस्ल की बकरियों का चयन करे। साथ ही आपको ऐसी नस्ल का चयन करना चाहिए जो आपके एरिया के वातावरण के हिसाब से खुद को आसानी से ढाल सके। 

बकरी कहाँ से खरीदे और कहाँ बेचे comment 

गोट farming business का प्रमुख माल बकरी है इसके लिए आपको बकरी जरूरत पड़ेगी 

बकरियाँ आप अपने नजदीकी form से खरीदे क्योकि जब तक bulk requirement मे न हो किसी अन्य राज्य से बकरियाँ transport cost लगाकर काफी मंहगी हो सकती हैं । 

इसलिए अगल-अलग राज्य के लिए अलग-अलग बकरी विक्रेता का contact number और whatsapp number दे रहा हूँ आप उनसे सीधे संपर्क कर सकते हैं और बकरी खरीद सकते हैं-

अगर आप राजस्थान से हैं तो बकरी खरीदने के लिए आप इनसे संपर्क कर सकते हैं-

बकरी पालक का नाम– jay toshik

पता – Rajasthan goat farm ajmer

फोन नंबर 9610013421

Whatsapp- 4783341533

इनके फॉर्म मे निम्न नस्ल की बकरियाँ उपलबद्ध है –

सीहोरी 

सोजत 

बीटल 

बरबरी 

तोतापरी 

इसके अतिरिक्त राजस्थान के ही एक और बकरी विक्रेता हैं। बकरी खरीदने के लिए आप इनसे भी संपर्क कर सकते हैं।

बकरी पालक का नाम: Amrit toshik

पता-Rajasthaan,ajmer

फोन नंबर-9828643308

या 9887579221 

इनके फॉर्म मे निम्न नस्ल की बकरियाँ उपलबद्ध है –

सीहोरी 

सोजत 

तोतापरी 

कोटा 

गुजारी 

झाकरण 

अगर आप north india से हैं तो बकरी खरीदने के लिए आप इनसे संपर्क कर सकते हैं- 

बकरी पालक का नाम– vivek singh से संपर्क कर सकते हैं।

ब्रांड नाम– R.V. Goat Point

पता– बाराबंकी ,उत्तरप्रदेश

फोन नंबर- 9919902906 

इनके form मे आपको बरबरी नस्ल की नर ,मादा और छोटे बकरी के बच्चे मिल जाएगे। 

अगर आप झारखंड के रहने वाले हैं तो बकरी खरीदने के लिए आप इनसे संपर्क कर सकते हैं- 

बकरी पालक का नाम: शशि भूषण

ब्रांड नाम- झारखंड बकरी फार्म      

पता- गोविंदपुर, धनबाद, झारखंड

फोन नंबर- 9905274413

बकरी पालन के लिए स्थान कैसा होना चाहिए (Place Required):

बकरी पालन के लिए प्रदूषण मुक्त , साफ-स्वच्छ और हवादार जगह का चुनाव करना चाहिए। इसके लिए शहर से दूर ग्रामीण इलाके मे या किसी चरागाह के आसपास बकरी पालन करना ज्यादा अच्छा रहेगा।  

शुद्ध हवा 

पानी की व्यावस्था 

चारा उगाने लायक जमीन 

आसपास मार्केट 

पशुचिकित्सा की सुविधा 

यातायात की सुविधा 

बकरियों का शेड कैसा होना चाहिए 

बकरियों के रहने के स्थान मे निम्न सुविधा होनी चाहिए-

नमी रहित जमीन 

कीट-पतंग मुक्त जगह 

पानी निकास की व्यवस्था 

संतुलित तापमान 

शेड बनाने का तरीका

चयनित स्थान पर आपको बकरियों के लिए शेड बनवाना होगा। इस काम को आप खुद भी कर सकते हैं। शेड का निर्माण करते समय इसकी ऊचाई कम से कम 10 फुट रखें। 

बकरी पालन करने के लिए कितने स्थान की आवश्यकता होगी :

बकरी पालन के लिए कितने जगह की जरूरत होगी यह पूरी तरह से इस बात पर निर्भर करता है कि आप कितने बकरियों से इस business को शुरू करना चाहते हैं। 

अगर एक बकरी के लिए 20 वर्ग फीट स्थान की जरूरत पड़ती हैं तो 20 बकरियों के लिए 400 वर्ग फीट स्थान की जरूरत पड़ेगी और बकरी के एक बच्चे के लिए कम से कम 5 वर्ग फीट जगह लेकर चले तो 

इस हिसाब से 20 बकरी ,2 बकरे और 10 मेमने(बकरी के बच्चे) के आवश्यक जगह का विवरण इस प्रकार आता है 

20 बकरी के लिए =400 वर्ग फीट 

2 बकरे के लिए    =40 वर्ग फीट 

10 मेमने के लिए =10×5 =50 वर्ग फीट 

कुल आवश्यक जगह =400+40+50=490 वर्ग फीट 

नोट- बकरे ,बकरियों की संख्या आप अपने इच्छा के अनुसार कम ज्यादा कर सकते हैं। बकरी पालन के लिए आवश्यक जगह का हिसाब लगाने के लिए यह केवल एक छोटा-सा idea है।

बकरियों मे होने वाले रोग कौन-से हैं।

आमतौर पर बकरियों को निम्न बीमारियाँ होती है-

पाँव और मुँह के रोग (एफएमडी)

गोट प्लेग (पीपीआर)

गोट पॉक्स

हेमोरेगिक सेप्टिसेमिया (एचएस)

एंथ्रेक्स

प्लूरों निमोनिया (संक्रामक)

निमोनिया

आफरा 

दस्त

बकरी पालन business के फायदे 

बकरी पालन करने के फायदे इस प्रकार हैं- 

कम जगह की जरूरत 

अगर आप कोई business start करना चाहते हैं और आपके पास बहुत ज्यादा जमीन नहीं है तो बकरी पालन के business को कम जगह मे भी शुरू कर सकते हैं। एक गाय या भैस को रखने के लिए  जितने जगह की जरूरत होती हैं उतने जगह मे आप 5 से 7 बकरी पाल सकते हैं। 

बकरी के भोजन की दिक्कत नहीं

अगर आपके पास बकरी को खरीदकर खाना खिलाने के लिए पैसे नहीं हैं तो आप बकरियों को खुले मे ले जा सकते हैं। इस तरह आपको बकरी के लिए भोजन की tention लेने की जरूरत नहीं पड़ेगी आप tension फ्री रहेगे।

बकरियों मे बीमारी दर कम होना

आमतौर बकरियाँ अन्य पशुओ की तुलना मे बहुत कम बीमार पड़ती है। बकरियों मे अनुकूलन क्षमता काफी अच्छी होती है जिससे बकरी अपने आपको विभिन्न मौसम के अनुसार ढाल लेती हैं। बकरियों मे बीमारी कम होगी तो आपके इनके स्वास्थ्य पर पैसे खर्च नहीं करना पड़ेगा। 

बकरी के विभिन्न उपयोग 

बकरी का दूध तो लोग पीते ही हैं साथ ही इसके खाल और मांस की भी बाजार मे उतनी ही मांग है। 

मांस का उपयोग खाने के लिए किया जाता है तो वहीं खाल का उपयोग विभिन्न वाद्य यंत्र बनाने मे किया जाता है। 

low investment मे शुरू कर सकते हैं 

यह एक ऐसा business है जिसे आप low investment मे भी शुरू कर सकते हैं। औसतन एक बकरी साल मे 1-2 बच्चे जन्म देती हैं। जितने बकरियों से आप इस business की शुरुआत करेगे अगले साल तक मे आपके पास उसके दुगना-तिगुना बकरियाँ हो जाएगी। 

आसान business idea 

बकरी पालन का business अन्य business की तुलना मे काफी आसान। बस बकरियों को तैयार करना और जब तैयार हो जाए तो खरीददार को बढ़िया कीमत पर बेच देना। 

बहुत ज्यादा मार्केटिंग की जरूरत नहीं 

बकरी से प्राप्त होने वाले उत्पादों (दूध ,मांस ,खाल आदि ) की मार्केट मे बहुत अच्छी demand है। जरूरत मंद लोग आपके फॉर्म से बकरियाँ खरीदने के लिए खुद-ब-खुद आएगे। आप चाहे तो इसकी मार्केटिंग भी कर सकते हैं। 

बकरी पालन के लिए loan कैसे ले सकते हैं 

अगर आपको किसी bank से loan न मिल पाये तो आप IDBI ,ग्रामीण बैंक,NABARD (National Bank of Agriculture and rural development ) जैसे बैंक मे भी try करके देखे 

इसके अतिरिक्त आप IDSRR (Integrated Development of Small Ruminants and Rabbits) के तहत बैंक मे loan के लिए apply कर सकते हैं। 

बकरी पालन business के लिए कौन-सा पंजीकरण करवाना पड़ता है (Registration):

वैसे तो इस business को करने के लिए किसी खास registration की जरूरत नही होती है लेकिन इसके लिए आप अपने state के animal husbandry department से संपर्क सकते हैं। इसके साथ ही अपने  एरिया के local rule की जानकारी ले ले  

बकरी पालन की training कैसे लें 

अगर आप बकरी पालन की training लेना चाहते हैं तो इसके लिए आपके पास दो विकल्प है। या तो आप किसी अनुसंधान केंद्र मे जाकर इसकी training ले सकते हैं या किसी बड़े goat farm मे जा सकते हैं। 

उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले मे एक ऐसी ही अनुसंधान केंद्र है जहां से आप बकरी पालन की training ले सकते हैं। यहाँ पर 10 दिन के training की fees 3000 रूपये ली जाती है। training schedule के लिए आप फोन करके बात कर सकते हैं। 

इसके लिए आप इस link पर click कर इनके official site मे visit कर सकते हैं 

www.cirg.res.in/training.php

अगर आप उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले से हैं तो बकरी पालन की training के लिए आप 

उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले के goat form  R.V. Goat Point से 1 दिन की trainging ले सकते हैं 

यह form plastic flooring से बना हुआ north india का पहला High tech goat form है। 

goat farming से जुड़ी किसी भी प्रकार की सहायता के लिए आप इनसे संपर्क कर सकते हैं 

contact number- 9919902906 

Website-  www.rvgoatpoint.com

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